Number System Questions
संख्या प्रणाली: एक व्यापक मार्गदर्शिका (Number System questions with solution pdf)
संख्या प्रणाली (Number System) गणित और कंप्यूटिंग की नींव है, जो गणना, डेटा प्रतिनिधित्व, और डिजिटल संचार के लिए आवश्यक है। प्राचीन गिनती की विधियों से लेकर आधुनिक बाइनरी प्रणाली तक, संख्याएँ विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित हुई हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम विभिन्न प्रकार की संख्या प्रणालियों, उनके उपयोग और आधुनिक डिजिटल युग में उनके महत्व को समझेंगे।
संख्या प्रणाली क्या है?
संख्या प्रणाली एक लेखन पद्धति है जिसका उपयोग संख्याओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह संख्यात्मक मानों को दर्शाने और संप्रेषित करने का एक तरीका है। प्रत्येक संख्या प्रणाली में अपने स्वयं के प्रतीक और संख्याओं को बनाने के नियम होते हैं।
संख्या प्रणालियों के प्रकार
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दशमलव संख्या प्रणाली (Base-10): Decimal number System
- प्रयुक्त अंक: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9
- उदाहरण: 245, 0.78, 1023
- उपयोग: दैनिक जीवन, गणना और व्यापार में सबसे सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली प्रणाली।
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बाइनरी संख्या प्रणाली (Base-2):
- प्रयुक्त अंक: 0, 1
- उदाहरण: 1011, 11001
- उपयोग: कंप्यूटिंग और डिजिटल सिस्टम में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है, क्योंकि कंप्यूटर बाइनरी लॉजिक का उपयोग करके कार्य करते हैं।
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आठवीं संख्या प्रणाली (Base-8):
- प्रयुक्त अंक: 0 से 7
- उदाहरण: 157, 23, 704
- उपयोग: बाइनरी संख्याओं के संक्षिप्त रूप के रूप में कंप्यूटिंग में उपयोग की जाती है, विशेष रूप से डिजिटल सिस्टम और प्रोग्रामिंग में।
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हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली (Base-16):
- प्रयुक्त अंक: 0-9 और A-F (A=10, B=11, ..., F=15)
- उदाहरण: 1A3, 4F, 9C7
- उपयोग: कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग, वेब डिज़ाइन में रंग कोडिंग, और असेंबली प्रोग्रामिंग में आमतौर पर उपयोग की जाती है।
संख्या प्रणालियों का महत्व क्यों है?
संख्या प्रणालियाँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि:
- डिजिटल कंप्यूटिंग: बाइनरी और हेक्साडेसिमल सिस्टम कंप्यूटर संचालन और प्रोग्रामिंग के लिए आधारभूत हैं।
- डेटा प्रतिनिधित्व: कंप्यूटर बाइनरी संख्याओं का उपयोग करके डेटा को संग्रहीत और संसाधित करते हैं।
- प्रभावी गणना: विभिन्न संख्या प्रणालियाँ विभिन्न अनुप्रयोगों में गणनाओं को अनुकूलित करती हैं, चाहे वह साधारण अंकगणित हो या जटिल एल्गोरिदम।
- संचार प्रणाली: डिजिटल संचार और डेटा एन्क्रिप्शन में बाइनरी कोड का उपयोग किया जाता है।
संख्या प्रणालियों के बीच रूपांतरण
- बाइनरी से दशमलव: प्रत्येक बिट को 2 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें और परिणामों को जोड़ें।
- दशमलव से बाइनरी: दशमलव संख्या को 2 से विभाजित करें और शेष को उल्टे क्रम में लिखें।
- हेक्साडेसिमल से बाइनरी: प्रत्येक हेक्स अंक को 4-बिट बाइनरी समकक्ष में परिवर्तित करें।
- आठवीं से बाइनरी: प्रत्येक आठवीं अंक को 3-बिट बाइनरी समकक्ष में परिवर्तित करें।
संख्या प्रणालियों के अनुप्रयोग
- कंप्यूटिंग और प्रोग्रामिंग: बाइनरी और हेक्साडेसिमल को कोडिंग, मेमोरी एड्रेसिंग और नेटवर्क प्रोटोकॉल में महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है।
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: सर्किट और माइक्रोप्रोसेसर बाइनरी लॉजिक का उपयोग करके कार्य करते हैं।
- वेब डिज़ाइन: हेक्साडेसिमल संख्याओं का उपयोग रंगों को दर्शाने के लिए किया जाता है।
- क्रिप्टोग्राफी: सुरक्षित संचार के लिए एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम में संख्या प्रणालियों का उपयोग किया जाता है।
संख्या प्रणालियों के बारे में मजेदार तथ्य
- बाइनरी प्रणाली को पहली बार गॉटफ्राइड विल्हेम लीबनिज़ ने 17वीं शताब्दी में वर्णित किया था।
- दशमलव प्रणाली का उपयोग प्राचीन मिस्र और भारत से चला आ रहा है।
- हेक्साडेसिमल प्रणाली बाइनरी कोडिंग को सरल बनाती है, लंबे बाइनरी संख्याओं को छोटे, पठनीय रूपों में परिवर्तित करती है।
निष्कर्ष
संख्या प्रणालियाँ केवल गणितीय संरचनाएँ नहीं हैं - वे आधुनिक तकनीक की रीढ़ हैं। उन्हें समझना आपके समस्या-समाधान कौशल, प्रोग्रामिंग दक्षता, और डिजिटल संचार ज्ञान को बढ़ा सकता है। चाहे आप एक छात्र हों, टेक उत्साही हों, या डिजिटल दुनिया में एक पेशेवर हों, संख्या प्रणालियों में महारत हासिल करना तकनीकी साक्षरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिक जानने के लिए तैयार हैं?
आगामी पोस्ट के लिए जुड़े रहें, जहाँ हम विस्तृत रूपांतरण विधियों, कोडिंग ट्रिक्स, और प्रभावी प्रोग्रामिंग के लिए संख्या प्रणालियों का लाभ उठाने के तरीके को एक्सप्लोर करेंगे!
दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal Number System)
दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal Number System) सबसे आम और व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली संख्या प्रणाली है, जिसका आधार 10 (Base-10) होता है। यह वही प्रणाली है जिसका हम दैनिक जीवन में संख्याओं को पढ़ने, लिखने, और गणना करने के लिए उपयोग करते हैं।
दशमलव संख्या प्रणाली क्या है?
दशमलव प्रणाली में कुल 10 अंक होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9। इन अंकों का संयोजन करके कोई भी संख्या बनाई जा सकती है। प्रत्येक अंक की स्थिति (पॉज़िशन) उसके मान को निर्धारित करती है, जिसे स्थान मान (Place Value) कहते हैं।
उदाहरण के लिए, संख्या 4527 को इस प्रकार समझा जा सकता है:
विशेषताएँ और गुण
- आधार (Base): दशमलव प्रणाली का आधार 10 होता है क्योंकि इसमें 10 विभिन्न अंक (0 से 9) होते हैं।
- स्थान मान (Place Value): प्रत्येक अंक का मान उसकी स्थिति पर निर्भर करता है, जैसे इकाई, दहाई, सैकड़ा, इत्यादि।
- वज़न (Weight): किसी भी अंक का वज़न उस अंक की स्थिति के आधार पर 10 की घात के रूप में लिखा जाता है।
- उदाहरण: संख्या 753.4 में:
- 7 का वज़न = = 700
- 5 का वज़न = = 50
- 3 का वज़न = = 3
- 4 का वज़न = = 0.4
- उदाहरण: संख्या 753.4 में:
दशमलव प्रणाली का इतिहास
- दशमलव संख्या प्रणाली का आविष्कार प्राचीन भारतीय गणितज्ञों द्वारा किया गया था।
- आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त जैसे गणितज्ञों ने शून्य (0) और दशमलव स्थान मान की अवधारणा को विकसित किया।
- यह प्रणाली अरब व्यापारियों द्वारा यूरोप में लाई गई और वहाँ से पूरे विश्व में लोकप्रिय हुई।
- इसे हिंदू-अरबी संख्या प्रणाली (Hindu-Arabic Number System) भी कहा जाता है।
दशमलव प्रणाली के अनुप्रयोग
- दैनिक गणना: खरीदारी, बैंकिंग, और मापने-तौलने में प्रयोग।
- विज्ञान और इंजीनियरिंग: गणना, मापन, और डेटा विश्लेषण के लिए प्रयोग।
- शिक्षा: प्राथमिक स्तर से उच्च गणित तक पढ़ाई में मुख्य रूप से उपयोग की जाती है।
- व्यापार और वाणिज्य: मूल्य निर्धारण, वित्तीय लेनदेन, और लेखा-जोखा में प्रयुक्त।
दशमलव से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण ( class 9 number system extra questions )
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दशमलव से बाइनरी (Decimal to Binary):
- संख्या को 2 से भाग देकर शेष (रिमेंडर) को उल्टे क्रम में लिखें।
- उदाहरण: 10 को बाइनरी में बदलने के लिए:
- 10 ÷ 2 = 5 शेष 0
- 5 ÷ 2 = 2 शेष 1
- 2 ÷ 2 = 1 शेष 0
- 1 ÷ 2 = 0 शेष 1
- बाइनरी रूप: 1010
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दशमलव से हेक्साडेसिमल (Decimal to Hexadecimal):
- संख्या को 16 से भाग देकर शेष को लिखें।
- उदाहरण: 254 को हेक्साडेसिमल में बदलने के लिए:
- 254 ÷ 16 = 15 (F), शेष 14 (E)
- हेक्साडेसिमल रूप: FE
दशमलव प्रणाली के लाभ
- सरलता और उपयोग में आसानी: यह इंसानों के लिए समझने और उपयोग करने में सबसे आसान प्रणाली है।
- व्यापक स्वीकृति: पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त और उपयोग की जाने वाली प्रणाली।
- संख्याओं का स्पष्ट प्रतिनिधित्व: बड़े और छोटे मानों को दशमलव बिंदु का उपयोग करके आसानी से व्यक्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष
दशमलव संख्या प्रणाली न केवल गणितीय गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानव सभ्यता के विकास का एक प्रमुख स्तंभ भी है। इसका उपयोग विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से किया जाता है। आधुनिक कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी के युग में, यद्यपि बाइनरी और हेक्साडेसिमल प्रणाली का भी महत्व है, लेकिन दशमलव प्रणाली की सार्वभौमिकता और सरलता इसे अनिवार्य बनाती है।
अगले कदम:
- क्या आप बाइनरी, हेक्साडेसिमल, या अन्य संख्या प्रणालियों के बारे में और जानना चाहते हैं?
- क्या आप रूपांतरण विधियों के लिए व्यावहारिक उदाहरण या अभ्यास प्रश्न चाहते हैं?
बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary Number System)
बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary Number System) वह संख्या प्रणाली है जिसका उपयोग कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस में डेटा को संग्रहित और संसाधित करने के लिए किया जाता है। इसका आधार 2 (Base-2) होता है, जिसमें केवल दो अंक होते हैं: 0 और 1। ये दो अंक कंप्यूटर की मूल भाषा हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक सर्किट केवल दो अवस्थाओं (चालू और बंद) को पहचानते हैं।
बाइनरी संख्या प्रणाली क्या है? ( number system questions in hindi )
- बाइनरी प्रणाली में केवल 0 और 1 का उपयोग होता है।
- प्रत्येक अंक को बिट (Bit) कहा जाता है।
- संख्याएँ दाएँ से बाएँ पढ़ी जाती हैं, और प्रत्येक अंक की स्थिति (पॉज़िशन) का मान 2 की घात के रूप में बढ़ता है।
उदाहरण के लिए, बाइनरी संख्या 1011 को इस प्रकार समझा जा सकता है:
बाइनरी संख्या प्रणाली की विशेषताएँ
- आधार (Base): बाइनरी प्रणाली का आधार 2 है, क्योंकि इसमें केवल 2 अंक (0 और 1) होते हैं।
- स्थान मान (Place Value): प्रत्येक अंक की स्थिति के अनुसार उसका मान 2 की घात के रूप में बढ़ता है।
- बिट्स (Bits): बाइनरी अंकों को बिट्स कहा जाता है, जो कंप्यूटर डेटा की सबसे छोटी इकाई है।
- 1 बिट = 0 या 1
- 4 बिट्स = 1 निबल (Nibble)
- 8 बिट्स = 1 बाइट (Byte)
बाइनरी प्रणाली का महत्व
- कंप्यूटिंग और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: कंप्यूटर, मोबाइल, और सभी डिजिटल डिवाइस बाइनरी प्रणाली का उपयोग करके डेटा को स्टोर और प्रोसेस करते हैं।
- लॉजिकल ऑपरेशन: डिजिटल सर्किट 0 और 1 का उपयोग करके लॉजिकल ऑपरेशन (जैसे AND, OR, NOT) करते हैं।
- डेटा प्रतिनिधित्व: सभी प्रकार के डेटा (जैसे टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो, वीडियो) को बाइनरी कोड में परिवर्तित करके स्टोर किया जाता है।
बाइनरी से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण
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बाइनरी से दशमलव (Binary to Decimal):
- प्रत्येक बिट को 2 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें और परिणामों को जोड़ें।
- उदाहरण: को दशमलव में बदलने के लिए:
-
दशमलव से बाइनरी (Decimal to Binary):
- संख्या को 2 से भाग देकर शेष (रिमेंडर) को उल्टे क्रम में लिखें।
- उदाहरण: 10 को बाइनरी में बदलने के लिए:
- 10 ÷ 2 = 5 शेष 0
- 5 ÷ 2 = 2 शेष 1
- 2 ÷ 2 = 1 शेष 0
- 1 ÷ 2 = 0 शेष 1
- बाइनरी रूप: 1010
-
बाइनरी से हेक्साडेसिमल (Binary to Hexadecimal):
- बाइनरी अंकों को 4-4 के समूहों में बाँटें और प्रत्येक समूह को हेक्साडेसिमल में बदलें।
- उदाहरण: को हेक्साडेसिमल में बदलने के लिए:
- और
- हेक्साडेसिमल रूप: B6
बाइनरी प्रणाली के अनुप्रयोग
- कंप्यूटर मेमोरी: डेटा को 0 और 1 के रूप में संग्रहित किया जाता है।
- प्रोसेसर संचालन: सीपीयू बाइनरी कोड का उपयोग करके निर्देशों को निष्पादित करता है।
- नेटवर्किंग: डेटा ट्रांसमिशन और संचार में बाइनरी कोड का उपयोग किया जाता है।
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: लॉजिक गेट्स और सर्किट 0 (ऑफ) और 1 (ऑन) के रूप में काम करते हैं।
बाइनरी प्रणाली के लाभ
- सरलता और दक्षता: केवल दो अंकों (0 और 1) का उपयोग करके जटिल डेटा और निर्देशों को दर्शाया जा सकता है।
- सटीकता: डिजिटल सिस्टम में त्रुटियों की संभावना कम होती है, क्योंकि केवल दो अवस्थाएँ होती हैं।
- उपयोग में आसानी: डिजिटल सर्किट में ऑन-ऑफ (वोल्टेज हाई-लो) स्थिति को दर्शाने के लिए उपयोगी।
मज़ेदार तथ्य (Fun Facts)
- बाइनरी प्रणाली को 17वीं शताब्दी में गॉटफ्राइड विल्हेम लीबनिज़ ने विकसित किया था।
- मॉर्स कोड भी बाइनरी की तरह दो प्रतीकों (डॉट और डैश) का उपयोग करता है।
- सभी आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषाएँ और मशीन कोड बाइनरी कोड में परिवर्तित होकर ही काम करते हैं।
निष्कर्ष
बाइनरी संख्या प्रणाली आधुनिक डिजिटल युग का आधार है। कंप्यूटर, स्मार्टफोन, इंटरनेट, और लगभग सभी डिजिटल उपकरण बाइनरी कोड का उपयोग करके ही कार्य करते हैं। इसे समझना न केवल कंप्यूटिंग और प्रोग्रामिंग के लिए आवश्यक है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करता है।
अगले कदम:
- क्या आप और अधिक रूपांतरण उदाहरण चाहते हैं?
- या फिर बाइनरी अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
आठवीं संख्या प्रणाली (Octal Number System) (number system questions and answers )
आठवीं संख्या प्रणाली (Octal Number System) एक संख्या प्रणाली है जिसका आधार 8 (Base-8) होता है। इसमें कुल 8 अंक (0 से 7) होते हैं। यह प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से बाइनरी (Binary) को संक्षेप में दर्शाने के लिए उपयोग की जाती है, क्योंकि एक ऑक्टल अंक को ठीक तीन बाइनरी अंकों द्वारा दर्शाया जा सकता है।
आठवीं संख्या प्रणाली क्या है?
- ऑक्टल प्रणाली में कुल 8 अंक (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7) होते हैं।
- दशमलव (Decimal) की तरह, इसमें भी स्थान मान (Place Value) होती है, लेकिन प्रत्येक स्थान का मान 8 की घात के रूप में बढ़ता है।
- इसमें 8, 9 का उपयोग नहीं होता, क्योंकि इसका आधार 8 है।
उदाहरण के लिए, संख्या 175 को ऑक्टल में इस प्रकार समझा जा सकता है:
ऑक्टल संख्या प्रणाली की विशेषताएँ
- आधार (Base): इसका आधार 8 है, क्योंकि इसमें 0 से 7 तक के केवल 8 अंक होते हैं।
- स्थान मान (Place Value): प्रत्येक अंक की स्थिति का मान 8 की घात के रूप में बढ़ता है।
- सरलता: यह बाइनरी को संक्षेप में लिखने के लिए उपयोगी है, क्योंकि 3 बाइनरी अंक = 1 ऑक्टल अंक।
ऑक्टल प्रणाली का महत्व
- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग: बाइनरी को सरलता से दर्शाने और समझने के लिए ऑक्टल का उपयोग किया जाता है।
- डिजिटल सिस्टम: मेमोरी एड्रेसिंग और डेटा स्टोरेज में भी ऑक्टल का उपयोग होता है।
- यूनिक्स और लिनक्स: फ़ाइल अनुमतियों (Permissions) को दर्शाने के लिए ऑक्टल का उपयोग होता है, जैसे 777, 644 आदि।
ऑक्टल से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण
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ऑक्टल से दशमलव (Octal to Decimal):
- प्रत्येक अंक को 8 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें और परिणामों को जोड़ें।
- उदाहरण: को दशमलव में बदलने के लिए:
-
दशमलव से ऑक्टल (Decimal to Octal):
- संख्या को 8 से भाग देकर शेष (रिमेंडर) को उल्टे क्रम में लिखें।
- उदाहरण: 125 को ऑक्टल में बदलने के लिए:
- 125 ÷ 8 = 15 शेष 5
- 15 ÷ 8 = 1 शेष 7
- 1 ÷ 8 = 0 शेष 1
- ऑक्टल रूप: 175
-
बाइनरी से ऑक्टल (Binary to Octal):
- बाइनरी अंकों को दाएँ से बाएँ तीन-तीन के समूह में बाँटें।
- प्रत्येक समूह को उनके दशमलव मान में बदलें।
- उदाहरण: को ऑक्टल में बदलने के लिए:
- →
- ऑक्टल रूप: 56
-
ऑक्टल से बाइनरी (Octal to Binary):
- प्रत्येक ऑक्टल अंक को तीन बाइनरी अंकों में बदलें।
- उदाहरण: को बाइनरी में बदलने के लिए:
- और
- बाइनरी रूप: 101110
ऑक्टल प्रणाली के अनुप्रयोग
- कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग: ऑक्टल का उपयोग मेमोरी एड्रेस को छोटा और पठनीय बनाने के लिए किया जाता है।
- फाइल परमिशन: यूनिक्स और लिनक्स में फाइल अनुमतियों को दर्शाने के लिए ऑक्टल का उपयोग होता है।
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: कुछ डिजिटल सर्किट में बाइनरी को संक्षेप में दर्शाने के लिए ऑक्टल का उपयोग किया जाता है।
ऑक्टल प्रणाली के लाभ
- सरलता: बाइनरी की तुलना में ऑक्टल संख्या छोटी और पढ़ने में आसान होती है।
- कंसीस रिप्रेजेंटेशन: 3 बाइनरी अंकों को 1 ऑक्टल अंक से दर्शाया जा सकता है, जिससे गणना आसान हो जाती है।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोगिता: बाइनरी और हेक्साडेसिमल के साथ आसानी से परिवर्तनीय, जिससे प्रोग्रामिंग में सहूलियत मिलती है।
मज़ेदार तथ्य (Fun Facts)
- ऑक्टल प्रणाली का उपयोग पुराने कंप्यूटर सिस्टम में अधिक किया जाता था, जब मेमोरी 8-बिट में विभाजित होती थी।
- यूनिक्स और लिनक्स में फाइल परमिशन जैसे 777, 644, आदि ऑक्टल प्रणाली में दर्शाए जाते हैं।
- ऑक्टल प्रणाली का उपयोग कुछ प्राचीन संस्कृतियों में भी किया गया था, क्योंकि वे उँगलियों के अलावा अंगूठों का उपयोग नहीं करते थे।
निष्कर्ष
ऑक्टल संख्या प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बाइनरी को संक्षेप में दर्शाने का एक प्रभावी तरीका है और विशेष रूप से यूनिक्स और लिनक्स में फाइल परमिशन के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। आधुनिक कंप्यूटिंग में भले ही हेक्साडेसिमल का उपयोग अधिक हो, लेकिन ऑक्टल अभी भी अपनी सादगी और दक्षता के कारण महत्वपूर्ण है।
अगले कदम:
- क्या आप ऑक्टल अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर बाइनरी, दशमलव और हेक्साडेसिमल के साथ और अधिक रूपांतरण उदाहरण चाहते हैं?
हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली (Hexadecimal Number System)
हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली (Hexadecimal Number System) एक ऐसी संख्या प्रणाली है जिसका आधार 16 (Base-16) होता है। इसमें कुल 16 अंक होते हैं:
- 0 से 9 (दशमलव अंकों के समान)
- A से F (जहाँ A = 10, B = 11, C = 12, D = 13, E = 14, F = 15)
हेक्साडेसिमल प्रणाली का उपयोग कंप्यूटर विज्ञान में बड़े बाइनरी नंबरों को छोटा और पठनीय रूप में दर्शाने के लिए किया जाता है, क्योंकि 4 बाइनरी अंकों को 1 हेक्साडेसिमल अंक द्वारा दर्शाया जा सकता है।
हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली क्या है?
- हेक्साडेसिमल प्रणाली में 16 प्रतीक (0-9 और A-F) होते हैं।
- प्रत्येक अंक की स्थिति (प्लेस वैल्यू) का मान 16 की घात के रूप में बढ़ता है।
- इसका उपयोग मुख्य रूप से कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग, कलर कोडिंग (जैसे HTML, CSS), और मशीन कोडिंग में होता है।
उदाहरण के लिए, संख्या 2AF को इस प्रकार समझा जा सकता है:
हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली की विशेषताएँ
- आधार (Base): इसका आधार 16 है, क्योंकि इसमें 0 से 9 और A से F तक के कुल 16 प्रतीक होते हैं।
- स्थान मान (Place Value): प्रत्येक अंक की स्थिति के अनुसार उसका मान 16 की घात के रूप में बढ़ता है।
- संक्षिप्तता: यह बाइनरी को संक्षेप में दर्शाने के लिए उपयोगी है, क्योंकि 4 बाइनरी अंक = 1 हेक्साडेसिमल अंक।
हेक्साडेसिमल प्रणाली का महत्व
- कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग: मेमोरी एड्रेस को छोटा और पठनीय बनाने के लिए हेक्साडेसिमल का उपयोग किया जाता है।
- कलर कोडिंग: वेब डिज़ाइन (HTML, CSS) में रंगों को दर्शाने के लिए हेक्साडेसिमल कोड का उपयोग होता है, जैसे #FFFFFF (सफेद), #000000 (काला), #FF0000 (लाल)।
- मशीन कोडिंग: असेंबली लैंग्वेज और लो-लेवल प्रोग्रामिंग में निर्देशों को संक्षेप में दर्शाने के लिए हेक्साडेसिमल का उपयोग किया जाता है।
हेक्साडेसिमल से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण
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हेक्साडेसिमल से दशमलव (Hexadecimal to Decimal):
- प्रत्येक अंक को 16 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें और परिणामों को जोड़ें।
- उदाहरण: को दशमलव में बदलने के लिए:
-
दशमलव से हेक्साडेसिमल (Decimal to Hexadecimal):
- संख्या को 16 से भाग देकर शेष (रिमेंडर) को उल्टे क्रम में लिखें।
- उदाहरण: 254 को हेक्साडेसिमल में बदलने के लिए:
- 254 ÷ 16 = 15 शेष 14 → E
- 15 ÷ 16 = 0 शेष 15 → F
- हेक्साडेसिमल रूप: FE
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बाइनरी से हेक्साडेसिमल (Binary to Hexadecimal):
- बाइनरी अंकों को दाएँ से बाएँ चार-चार के समूह में बाँटें।
- प्रत्येक समूह को उनके दशमलव मान में बदलें और फिर हेक्साडेसिमल में लिखें।
- उदाहरण: को हेक्साडेसिमल में बदलने के लिए:
- और
- हेक्साडेसिमल रूप: BE
-
हेक्साडेसिमल से बाइनरी (Hexadecimal to Binary):
- प्रत्येक हेक्साडेसिमल अंक को चार बाइनरी अंकों में बदलें।
- उदाहरण: को बाइनरी में बदलने के लिए:
- और
- बाइनरी रूप: 00101111
हेक्साडेसिमल प्रणाली के अनुप्रयोग
- कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग: हेक्साडेसिमल का उपयोग मेमोरी एड्रेस को छोटा और पढ़ने में आसान बनाने के लिए किया जाता है।
- कलर कोडिंग: HTML और CSS में रंगों को दर्शाने के लिए हेक्साडेसिमल कोड का उपयोग होता है।
- मशीन कोड और असेंबली लैंग्वेज: निर्देशों को संक्षेप में दर्शाने के लिए हेक्साडेसिमल कोड का उपयोग किया जाता है।
हेक्साडेसिमल प्रणाली के लाभ
- संक्षिप्तता: बाइनरी की तुलना में हेक्साडेसिमल संख्याएँ छोटी और पढ़ने में आसान होती हैं।
- कंसीस रिप्रेजेंटेशन: 4 बाइनरी अंकों को 1 हेक्साडेसिमल अंक से दर्शाया जा सकता है, जिससे गणना आसान हो जाती है।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोगिता: बाइनरी और ऑक्टल के साथ आसानी से परिवर्तनीय, जिससे प्रोग्रामिंग और मेमोरी एड्रेसिंग में सहूलियत मिलती है।
मज़ेदार तथ्य (Fun Facts)
- हेक्साडेसिमल प्रणाली का उपयोग मुख्य रूप से आईबीएम (IBM) द्वारा कंप्यूटर विज्ञान में शुरू किया गया था।
- वेब डिज़ाइन में, RGB कलर कोडिंग हेक्साडेसिमल में की जाती है, जैसे #00FF00 हरा रंग दर्शाता है।
- सभी मशीन कोड और असेंबली लैंग्वेज में निर्देश हेक्साडेसिमल कोड में लिखे जाते हैं।
निष्कर्ष
हेक्साडेसिमल संख्या प्रणाली आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बाइनरी को संक्षेप में दर्शाने और कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसिंग को आसान बनाने के लिए उपयोगी है। वेब डिज़ाइन में रंगों को दर्शाने से लेकर मशीन कोडिंग और असेंबली लैंग्वेज तक, हेक्साडेसिमल प्रणाली की उपयोगिता व्यापक और महत्वपूर्ण है।
अगले कदम:
- क्या आप हेक्साडेसिमल अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर बाइनरी, दशमलव और ऑक्टल के साथ और अधिक रूपांतरण उदाहरण चाहते हैं?
हेक्साडेसिमल से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण (Hexadecimal to Other Number Systems)
हेक्साडेसिमल (Hexadecimal) संख्या प्रणाली का आधार 16 (Base-16) होता है, जिसमें कुल 16 प्रतीक (0-9 और A-F) होते हैं। हेक्साडेसिमल को आसानी से दशमलव (Decimal), बाइनरी (Binary) और ऑक्टल (Octal) संख्या प्रणालियों में बदला जा सकता है। यह कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह बाइनरी को संक्षेप में दर्शाने के लिए उपयुक्त है।
1. हेक्साडेसिमल से दशमलव (Hexadecimal to Decimal)
विधि:
- प्रत्येक हेक्साडेसिमल अंक को 16 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें।
- सभी गुणनों के परिणामों को जोड़ें।
हेक्साडेसिमल अंकों के दशमलव मान:
हेक्साडेसिमल | दशमलव |
---|---|
0 | 0 |
1 | 1 |
2 | 2 |
3 | 3 |
4 | 4 |
5 | 5 |
6 | 6 |
7 | 7 |
8 | 8 |
9 | 9 |
A | 10 |
B | 11 |
C | 12 |
D | 13 |
E | 14 |
F | 15 |
उदाहरण:
संख्या:
- स्थान मान:
- 2 →
- F →
- 3 →
- गणना:
- उत्तर:
2. हेक्साडेसिमल से बाइनरी (Hexadecimal to Binary)
विधि:
- प्रत्येक हेक्साडेसिमल अंक को 4 बाइनरी अंकों में बदलें।
- सभी बाइनरी अंकों को मिलाकर अंतिम बाइनरी संख्या प्राप्त करें।
हेक्साडेसिमल से बाइनरी तालिका:
हेक्साडेसिमल | बाइनरी |
---|---|
0 | 0000 |
1 | 0001 |
2 | 0010 |
3 | 0011 |
4 | 0100 |
5 | 0101 |
6 | 0110 |
7 | 0111 |
8 | 1000 |
9 | 1001 |
A | 1010 |
B | 1011 |
C | 1100 |
D | 1101 |
E | 1110 |
F | 1111 |
उदाहरण:
संख्या:
- रूपांतरण:
- 2 → 0010
- F → 1111
- 3 → 0011
- मिलाकर लिखें:
- उत्तर:
3. हेक्साडेसिमल से ऑक्टल (Hexadecimal to Octal)
विधि:
- हेक्साडेसिमल से बाइनरी: सबसे पहले हेक्साडेसिमल को बाइनरी में बदलें।
- बाइनरी से ऑक्टल: फिर बाइनरी अंकों को दाएँ से बाएँ तीन-तीन के समूह में बाँटें और उन्हें ऑक्टल में बदलें।
उदाहरण:
संख्या:
-
चरण 1: हेक्साडेसिमल से बाइनरी:
- 2 → 0010
- F → 1111
- 3 → 0011
- मिलाकर लिखें:
-
चरण 2: बाइनरी से ऑक्टल:
- तीन-तीन के समूह में बाँटें:
- उत्तर:
4. अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और टिप्स
- संक्षिप्तता: हेक्साडेसिमल बाइनरी की तुलना में संक्षिप्त और पढ़ने में आसान होता है, क्योंकि 4 बाइनरी अंकों को 1 हेक्साडेसिमल अंक से दर्शाया जा सकता है।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोग: हेक्साडेसिमल का उपयोग मेमोरी एड्रेसिंग, कलर कोडिंग (HTML/CSS), असेंबली लैंग्वेज और मशीन कोडिंग में व्यापक रूप से किया जाता है।
- रंग कोडिंग: HTML और CSS में रंगों को हेक्साडेसिमल कोड में दर्शाया जाता है, जैसे:
- #FFFFFF = सफेद
- #000000 = काला
- #FF0000 = लाल
निष्कर्ष
हेक्साडेसिमल से दशमलव, बाइनरी और ऑक्टल में रूपांतरण करना आसान है यदि चरणों को सही ढंग से समझा और अनुसरण किया जाए। यह कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अनिवार्य है, क्योंकि यह जटिल बाइनरी कोड को सरल और पठनीय बनाता है।
अगले कदम:
- क्या आप हेक्साडेसिमल अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर अन्य उदाहरणों के साथ और अधिक स्पष्टीकरण चाहते हैं?
ssc cgl number system questions
ऑक्टल से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण (Octal to Other Number Systems)
ऑक्टल (Octal) संख्या प्रणाली का आधार 8 (Base-8) होता है, जिसमें 0 से 7 तक के कुल 8 अंक होते हैं। यह संख्या प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे बाइनरी (Binary) में आसानी से बदला जा सकता है।
ऑक्टल से निम्नलिखित संख्या प्रणालियों में रूपांतरण करना सीखेंगे:
- दशमलव (Decimal)
- बाइनरी (Binary)
- हेक्साडेसिमल (Hexadecimal)
1. ऑक्टल से दशमलव (Octal to Decimal)
विधि:
- प्रत्येक ऑक्टल अंक को 8 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें।
- सभी गुणनों के परिणामों को जोड़ें।
उदाहरण:
संख्या:
- स्थान मान:
- 1 →
- 5 →
- 7 →
- गणना:
- उत्तर:
2. ऑक्टल से बाइनरी (Octal to Binary)
विधि:
- प्रत्येक ऑक्टल अंक को 3 बाइनरी अंकों में बदलें।
- सभी बाइनरी अंकों को मिलाकर अंतिम बाइनरी संख्या प्राप्त करें।
ऑक्टल से बाइनरी तालिका:
ऑक्टल | बाइनरी |
---|---|
0 | 000 |
1 | 001 |
2 | 010 |
3 | 011 |
4 | 100 |
5 | 101 |
6 | 110 |
7 | 111 |
उदाहरण:
संख्या:
- रूपांतरण:
- 1 → 001
- 5 → 101
- 7 → 111
- मिलाकर लिखें:
- उत्तर:
3. ऑक्टल से हेक्साडेसिमल (Octal to Hexadecimal)
विधि:
- ऑक्टल से बाइनरी: सबसे पहले ऑक्टल को बाइनरी में बदलें।
- बाइनरी से हेक्साडेसिमल: फिर बाइनरी अंकों को दाएँ से बाएँ चार-चार के समूह में बाँटें और उन्हें हेक्साडेसिमल में बदलें।
हेक्साडेसिमल तालिका:
बाइनरी | हेक्साडेसिमल |
---|---|
0000 | 0 |
0001 | 1 |
0010 | 2 |
0011 | 3 |
0100 | 4 |
0101 | 5 |
0110 | 6 |
0111 | 7 |
1000 | 8 |
1001 | 9 |
1010 | A |
1011 | B |
1100 | C |
1101 | D |
1110 | E |
1111 | F |
उदाहरण:
संख्या:
- चरण 1: ऑक्टल से बाइनरी:
- 1 → 001
- 5 → 101
- 7 → 111
- मिलाकर लिखें:
- चरण 2: बाइनरी से हेक्साडेसिमल:
- चार-चार के समूह में बाँटें:
- यदि अंतिम समूह 4 अंक से कम हो, तो बाएँ तरफ शून्य जोड़ें:
- उत्तर:
4. अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और टिप्स
- संक्षिप्तता: ऑक्टल संख्या प्रणाली बाइनरी की तुलना में संक्षिप्त और पढ़ने में आसान होती है, क्योंकि 3 बाइनरी अंकों को 1 ऑक्टल अंक से दर्शाया जा सकता है।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोग: ऑक्टल का उपयोग यूनिक्स (UNIX) और लिनक्स (Linux) में फ़ाइल परमिशन और मशीन कोडिंग में किया जाता है।
- यूनिक्स फ़ाइल परमिशन:
- rwx को ऑक्टल में 7 से दर्शाया जाता है, जैसे:
rwxr-xr--
= 755rw-r--r--
= 644
- rwx को ऑक्टल में 7 से दर्शाया जाता है, जैसे:
निष्कर्ष
ऑक्टल से दशमलव, बाइनरी और हेक्साडेसिमल में रूपांतरण करना आसान है यदि चरणों को सही ढंग से समझा और अनुसरण किया जाए। यह कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अनिवार्य है, क्योंकि यह जटिल बाइनरी कोड को सरल और पठनीय बनाता है।
अगले कदम:
- क्या आप ऑक्टल अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर अन्य उदाहरणों के साथ और अधिक स्पष्टीकरण चाहते हैं?
दशमलव से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण (Decimal to Other Number Systems)
दशमलव (Decimal) संख्या प्रणाली का आधार 10 (Base-10) होता है, जिसमें 0 से 9 तक के कुल 10 अंक होते हैं। यह हमारे दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली सबसे सामान्य संख्या प्रणाली है।
दशमलव को निम्नलिखित संख्या प्रणालियों में रूपांतरित करना सीखेंगे:
- बाइनरी (Binary)
- ऑक्टल (Octal)
- हेक्साडेसिमल (Hexadecimal)
1. दशमलव से बाइनरी (Decimal to Binary)
विधि:
- दशमलव संख्या को 2 से बार-बार भाग करते हैं और प्रत्येक भागफल का शेष (remainder) नोट करते हैं।
- भागफल 0 हो जाने तक यह प्रक्रिया जारी रखते हैं।
- प्राप्त शेषांक को नीचे से ऊपर की ओर पढ़ते हैं।
उदाहरण:
संख्या:
- → शेष = 0
- → शेष = 0
- → शेष = 1
- → शेष = 1
- → शेष = 1
- → शेष = 0
- → शेष = 0
- → शेष = 1
- शेषांक (नीचे से ऊपर):
- उत्तर:
2. दशमलव से ऑक्टल (Decimal to Octal)
विधि:
- दशमलव संख्या को 8 से बार-बार भाग करते हैं और प्रत्येक भागफल का शेष (remainder) नोट करते हैं।
- भागफल 0 हो जाने तक यह प्रक्रिया जारी रखते हैं।
- प्राप्त शेषांक को नीचे से ऊपर की ओर पढ़ते हैं।
उदाहरण:
संख्या:
- → शेष = 4
- → शेष = 3
- → शेष = 2
- शेषांक (नीचे से ऊपर):
- उत्तर:
3. दशमलव से हेक्साडेसिमल (Decimal to Hexadecimal)
विधि:
- दशमलव संख्या को 16 से बार-बार भाग करते हैं और प्रत्येक भागफल का शेष (remainder) नोट करते हैं।
- यदि शेषांक 9 से बड़ा हो, तो उसे हेक्साडेसिमल प्रतीक में बदलें:
- 10 = A, 11 = B, 12 = C, 13 = D, 14 = E, 15 = F
- भागफल 0 हो जाने तक यह प्रक्रिया जारी रखते हैं।
- प्राप्त शेषांक को नीचे से ऊपर की ओर पढ़ते हैं।
उदाहरण:
संख्या:
- → शेष = 12 (C)
- → शेष = 9
- शेषांक (नीचे से ऊपर):
- उत्तर:
4. अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और टिप्स
- सीधे रूपांतरण का तरीका: दशमलव से बाइनरी, फिर बाइनरी से ऑक्टल या हेक्साडेसिमल में बदलना आसान हो सकता है, क्योंकि बाइनरी को ऑक्टल में तीन-तीन और हेक्साडेसिमल में चार-चार के समूह में बदला जाता है।
- स्मरण रखने के लिए:
- बाइनरी (Base-2): केवल 0 और 1 का उपयोग करता है।
- ऑक्टल (Base-8): 0 से 7 तक के अंक होते हैं।
- हेक्साडेसिमल (Base-16): 0-9 और A-F (10-15) का उपयोग करता है।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोग:
- बाइनरी: डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग।
- ऑक्टल: यूनिक्स और लिनक्स में फ़ाइल परमिशन।
- हेक्साडेसिमल: मेमोरी एड्रेसिंग, कलर कोडिंग (जैसे HTML/CSS)।
निष्कर्ष
दशमलव से बाइनरी, ऑक्टल और हेक्साडेसिमल में रूपांतरण करना आसान है यदि चरणों को सही ढंग से समझा और अनुसरण किया जाए। यह कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अनिवार्य है, क्योंकि ये रूपांतरण डेटा को सरल और पठनीय बनाते हैं।
अगले कदम:
- क्या आप दशमलव अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर अन्य उदाहरणों के साथ और अधिक स्पष्टीकरण चाहते हैं?
बाइनरी से अन्य संख्या प्रणालियों में रूपांतरण (Binary to Other Number Systems)
बाइनरी (Binary) संख्या प्रणाली का आधार 2 (Base-2) होता है, जिसमें केवल दो अंक 0 और 1 होते हैं। यह डिजिटल कंप्यूटर सिस्टम में मूलभूत संख्या प्रणाली है। बाइनरी संख्या को निम्नलिखित प्रणालियों में बदला जा सकता है:
- दशमलव (Decimal)
- ऑक्टल (Octal)
- हेक्साडेसिमल (Hexadecimal)
1. बाइनरी से दशमलव (Binary to Decimal)
विधि:
- प्रत्येक बाइनरी अंक को 2 की उसके स्थानिक मान की घात से गुणा करें।
- सभी मानों को जोड़ें।
उदाहरण:
संख्या:
-
स्थान मान:
- 1 →
- 0 →
- 1 →
- 1 →
- 0 →
- 1 →
-
गणना:
-
उत्तर:
2. बाइनरी से ऑक्टल (Binary to Octal)
विधि:
- बाइनरी संख्या को तीन-तीन अंकों के समूह में विभाजित करें (दाएँ से बाएँ)।
- प्रत्येक समूह को ऑक्टल समकक्ष में बदलें।
बाइनरी से ऑक्टल तालिका:
बाइनरी | ऑक्टल |
---|---|
000 | 0 |
001 | 1 |
010 | 2 |
011 | 3 |
100 | 4 |
101 | 5 |
110 | 6 |
111 | 7 |
उदाहरण:
संख्या:
- तीन-तीन के समूह में विभाजित करें: 101 101
- प्रत्येक समूह को ऑक्टल में बदलें:
- उत्तर:
अगर बाइनरी संख्या पूरी तरह तीन के समूह में विभाजित नहीं हो रही हो, तो बाएँ तरफ शून्य (0) जोड़ें।
उदाहरण:
बाइनरी संख्या:
- तीन-तीन के समूह में बाँटें: 1 101 011
- बाएँ तरफ 0 जोड़ें: 001 101 011
- रूपांतरण:
- उत्तर:
3. बाइनरी से हेक्साडेसिमल (Binary to Hexadecimal)
विधि:
- बाइनरी संख्या को चार-चार अंकों के समूह में विभाजित करें (दाएँ से बाएँ)।
- प्रत्येक समूह को हेक्साडेसिमल समकक्ष में बदलें।
बाइनरी से हेक्साडेसिमल तालिका:
बाइनरी | हेक्साडेसिमल |
---|---|
0000 | 0 |
0001 | 1 |
0010 | 2 |
0011 | 3 |
0100 | 4 |
0101 | 5 |
0110 | 6 |
0111 | 7 |
1000 | 8 |
1001 | 9 |
1010 | A |
1011 | B |
1100 | C |
1101 | D |
1110 | E |
1111 | F |
उदाहरण:
संख्या:
- चार-चार के समूह में विभाजित करें: 101 101
- बाएँ तरफ 0 जोड़ें: 0010 1101
- रूपांतरण:
- उत्तर:
अगर बाइनरी संख्या पूरी तरह चार के समूह में विभाजित नहीं हो रही हो, तो बाएँ तरफ शून्य (0) जोड़ें।
उदाहरण:
बाइनरी संख्या:
- चार-चार के समूह में बाँटें: 110 1101
- बाएँ तरफ 0 जोड़ें: 0001 1011
- रूपांतरण:
- उत्तर:
4. अन्य महत्वपूर्ण जानकारी और टिप्स
- संक्षिप्तता: बाइनरी को ऑक्टल या हेक्साडेसिमल में बदलने से संख्याएँ छोटी और पढ़ने में आसान हो जाती हैं।
- कंप्यूटर विज्ञान में उपयोग:
- बाइनरी (Base-2): डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सिस्टम।
- ऑक्टल (Base-8): UNIX फ़ाइल परमिशन और मशीन कोड।
- हेक्साडेसिमल (Base-16): मेमोरी एड्रेसिंग और कलर कोडिंग (जैसे HTML/CSS:
#FF5733
)।
निष्कर्ष
बाइनरी से दशमलव, ऑक्टल और हेक्साडेसिमल में रूपांतरण करने के लिए सही नियमों को अपनाना आवश्यक है। यह कंप्यूटर विज्ञान और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में अनिवार्य है, क्योंकि बाइनरी डेटा को अधिक पढ़ने योग्य रूप में बदला जा सकता है।
अगले कदम:
- क्या आप बाइनरी अंकगणित (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) के बारे में जानना चाहते हैं?
- या फिर अन्य उदाहरणों के साथ और अधिक स्पष्टीकरण चाहते हैं?
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